सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के लिए निवेश की रणनीति - Government Staff

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सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के लिए निवेश की रणनीति

सरकारी कर्मचारी/पेंशनभोगी के लिए निवेश की रणनीति 



टैक्स भी बचेगा, ज्यादा ब्याज भी मिलेगा, नियमित आय भी होती रहेगी
बुजुर्ग लोगों के लिए निवेश पर अच्छा रिटर्न के साथ मूल पूंजी की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है

www.governmentstaff.in  अगर आप रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुके हैं या रिटायर कर चुके हैं, तो आपको भविष्य की आर्थिक सुरक्षा के लिए एक ठोस निवेश रणनीति पर काम शुरू कर देना चाहिए। आपकी रणनीति ऐसी होनी चाहिए, जिससे आपके रिटायरमेंट फंड की पूरी सुरक्षा भी हो। टैक्स भी कम देना पड़े। बैंक के एफडी से बेहतर रिटर्न भी मिले और नियमित आय भी होती रहे। इसके लिए वरिष्ठ नागरिक इस पांच सूत्री रणनीति पर विचार कर सकते हैं।

1. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम

Financial Expert के मुताबिक वरिष्ठ नागरिकों के निवेश पोर्टफोलियो में सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम जरूर होनी चाहिए। यह सरकारी योजना है। 60 वर्ष से अधिक अवस्था के लोग इसके सदस्य हो सकते हैं। यदि किसी ने 55 से 60 साल की उम्र के बीच वॉलंटरी रिटायरमेंट लिया है, तो वे भी इसमें आवेदन कर सकते हैं। मिलिट्री जवानों के लिए अलग प्रावधान है। उनके लिए उम्र सीमा 50 वर्ष के आसपास होती है। इस योजना में 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर सेक्टशन 80 सी के तहत टैक्स डिडक्शन का लाभ मिलता है। यानी आपके टैक्सेबल इनकम में से इस योजना में निवेश की गई 1.5 लाख रुपए तक की राशि को घटाने के बाद बची हुई टैक्सेबल आय पर ही टैक्स देना होगा। इस योजना में 8.3 फीसदी का ब्याज मिलता है, जो काफी आकर्षक है। यह भुगतान तिमाही आधार पर होता है।


2. पांच साल वाला फिक्स्ड डिपॉजिट

बैंक के एफडी में आमतौर पर सीनियर सिटीजन को 0.5 फीसदी ज्यादा ब्याज मिलता है। पांच साल वाले एफडी में 80सी के तहत टैक्स बचत का लाभ भी मिलता है। टैक्स सेविंग के लिए यह योजना अच्छी है। इसमें आंख बंद करके डेढ़ लाख रुपए लगा सकते हैं। इससे ज्यादा पैसे इस योजना में न लगाएं। क्योंकि अन्य योजनाएं भी हैं, जिनमें बिना जोखिम के इससे ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। लेकिन यदि आप टैक्सेबल स्लैब में नहीं हैं, तो इसमें निवेश करने से पहले सोच लेना चाहिए। क्योंकि इस योजना में निवेश करने का मुख्य लक्ष्य टैक्स बचाना होता है।

3. नॉन कन्वर्टीबल डिबेंचर (Non Convertible Debentures)



नॉन कन्वर्टीबल डिबेंचर (एनसीडी) में निवेश भी एक अच्छा विकल्प है। कई लोग कहते हैं कि एनसीडी में निवेश करने पर जोखिम है। लेकिन यदि आप एएए रेटिंग वाले एनसीडी में पैसा लगाते हैं, तो जोखिम 99 फीसदी कम हो जाता है। एसबीआई या बड़े कॉरपोरेट हाउस के एनसीडी में कोई रिस्क नहीं है। साथ ही एनसीडी की ब्याज दर एफडी से हमेशा ज्यादा होती है। एनसीडी में हालांकि एक परेशानी है। आपको डीमैट अकाउंट खोलना पड़ता है। लेकिन एक घंटे का समय निकालकर डीमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है। डीमैट अकाउंट से एनसीडी ले सकते हैं। इसे खरीदने के लिए किसी लोकल एजेंट को भी बुला सकते हैं। लेकिन यह जरूर ध्यान रखें कि एनसीडी हमेशा एएए रेटिंग वाला ही होना चाहिए।

4. कॉरपोरेट एफडी

कॉरपोरेट एफडी में भी एफडी से ज्यादा ब्याज मिलता है। बहुत तरह के कॉरपोरेट एफडी हैं। कॉरपोरेट एफडी में भी यह ध्यान रखें कि यह अच्छी कंपनी का ही हो। सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक एफडी पर 7% तक ब्याज की पेशकश करते हैं। जबकि स्मॉल फाइनेंस बैंक कॉरपोरेट एफडी में 9% तक ब्याज की पेशकश करते हैं। बैंक एफडी में सीनियर सिटीजन के लिए ब्याज की दर 60 वर्ष से कम उम्र के लोगों की तुलना में अधिक होती हे। ऐसी कंपनियां जिनकी रेटिंग ऊंची होती है, वे विभिन्न अवधि की कॉरपोरेट एफडी पर 9.25% - 10.75% तक ब्याज की पेशकश करती हैं।

5. Mutual Funds: पूरी तरह से रिटायरमेंट कोष पर निर्भर नहीं हैं, तो थोड़ा जोखिम ले सकते हैं-

यदि आप अपने रिटायरमेंट फंड पर पूरी तरह से निर्भर नहीं हैं, तो आप थोड़ा जोखिम ले सकते हैं। कुछ पैसे अच्छे रेटिंग वाले म्यूचुअल फंड में लगाएं। कुछ पैसे ELS में भी जरूर लगाएं। लेकिन यदि इसी पैसे से आपका जीवन चल रहा है,यानि आपकी सैलरी / पेंशन मे आपका घर मात्र चल रहा है तो इनमें पैसे न लगाएं। चाहे कोई भी आपको कितना भी ज्ञान दे।
Final Note : अपनी सैलरी / पेंशन का कम से कम 25-30% अवश्य बचाएं और अच्छी जगह निवेश करें ।

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