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OROP Latest News | OROP योजना लागू करने के ऐतिहासिक फैसले के पांच साल


रक्षा मंत्रालय, वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना लागू करने के ऐतिहासिक फैसले के पांच साल; 20,60,220 रक्षा बल पेंशन भोगियों/रक्षा बल परिवार पेंशन भोगियों में 42,740 करोड़ रुपए वितरित किए गए


भारत सरकार ने नवंबर 2015 को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए वन रैंकवन पेंशन लागू करने का आदेश दिया। इसका लाभ जुलाई 2014 से प्रभावी होगा। योजना की वजह से पड़ने वाले भारी वित्तीय बोझ के बावजूद सरकार ने योजना लागू की जो पूर्व सैन्यकर्मियों के कल्याण को लेकर उसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है। इस योजना के दायरे में 30 जून, 2014 तक सेवानिवृत्त हुए सैन्य बल कर्मी आते हैं। रक्षा पेंशन की विशालता और जटिलता को ध्यान में रखते हुए, OROP के कार्यान्वयन पर सरकारी आदेश जारी करने से पहले विशेषज्ञों और पूर्व सैन्यकर्मियों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया गया था।

पूर्व सैन्यकर्मी करीब 45 वर्षों से OROP के कार्यान्वयन की मांग के लिए आंदोलन करते आ रहे थे लेकिन 2015 से पहले इसे कभी लागू नहीं किया गया।

OROP का मतलब है कि सेवानिवृत्त होने की तारीख से इतर समान सेवा अवधि और समान रैंक पर सेवानिवृत्त हो रहे सशस्त्र सैन्य कर्मियों को एक समान पेंशन दिया जाएगा। इस तरह से OROP का मतलब आवधिक अंतरालों पर वर्तमान और पिछले सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की पेंशन की दर के बीच के अंतर को पाटना है।

OROP लागू करने के साथ 20,60,220 रक्षा बल पेंशन भोगियों/रक्षा बल परिवार पेंशन भोगियों में 10,795.4 करोड़ रुपए की बकाया राशि वितरित की गयी। OROP के कारण हर साल करीब 7123.38 करोड़ रुपए का खर्च आता है और एक जुलाई, 2014 से करीब छह साल तक 42,740.28 करोड़ खर्च किए गए।

OROP लाभार्थियों को 2.57 के मल्टीप्लिकेशन फैक्टर से पेंशन की गणना करते समय सातवीं सीपीसी के तहत पेंशन के निर्धारण का लाभ भी मिला।

OROP की बकाया राशि के तौर पर 11 अक्टूबर, 2019 तक जारी कि गयी रकम का राज्यवार आंकड़ा कुछ इस तरह है।

क्रम

संख्या

राज्य/केंद्रशासित क्षेत्र

OROP लाभार्थियों की संख्या

OROP की बकाया राशि के तौर पर जारी की गयी रकम (करोड़ रुपए में)

1

अण्डमान और निकोबार

380

2.25

2

आंध्रप्रदेश

47,191

259.64

3

अरुणाचल प्रदेश

2,245

10.42

4

असम

35,246

164.14

5

बिहार

73,757

350.96

6

चंडीगढ़

7,088

58.69

7

छत्तीसगढ़

4,289

25.64

8

दादरा नागर हवेली

8

0.13

9

दमन और दीव

16

0.08

10

दिल्ली

46,626

445.11

11

गोवा

988

7.87

12

गुजरात

17,797

88.79

13

हरियाणा

1,84,126

909.28

14

हिमाचल प्रदेश

94,709

412.48

15

जम्मू और कश्मीर

62,160

293.4

16

झारखंड

12,915

62.81

17

कर्नाटक

60,566

380.76

18

केरल

1,37,418

726.41

19

लक्षद्वीप

40

0.26

20

मध्य प्रदेश

37,118

196.2

21

महाराष्ट्र

1,30,158

775.47

22

मणिपुर

4,016

15.64

23

मेघालय

1,991

9.71

24

मिजोरम

1,623

7.12

25

नागालैंड

1,176

6.5

26

ओडिशा

28,667

137.15

27

पांडिचेरी

1,463

8.64

28

पंजाब

2,11,915

1095.44

29

राजस्थान

1,10,675

511.62

30

सिक्किम

789

3.63

31

तमिलनाडु

1,16,627

628.77

32

तेलंगाना

17,811

112

33

त्रिपुरा

1,501

7.66

34

उत्तर प्रदेश

2,28,326

1038.23

35

उत्तराखंड

1,16,553

530.57

36

पश्चिम बंगाल

79,194

391.3

कुल

18,67,329

9,638.05

 

·        राज्यवार भुगतान के इस आंकड़े में नेपाली पेंशन भोगियों का ब्यौरा शामिल नहीं है।

 



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